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क्या है प्लेट टेक्टोनिक्स? जानें पृथ्वी की गहराइयों का रहस्य!

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प्लेट टेक्टोनिक्स का परिचय

Earthquake Kyon Ata Hai

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प्लेट टेक्टोनिक्स क्या है: जब हम पृथ्वी को देखते हैं, तो यह एक स्थिर और मजबूत ग्रह की तरह लगती है। लेकिन इसके भीतर एक शक्तिशाली और सक्रिय प्रणाली है जिसे प्लेट टेक्टोनिक्स कहा जाता है। यह प्रणाली पृथ्वी की आंतरिक संरचना का आधार है, जो महाद्वीपों को स्थानांतरित करती है, समुद्रों का निर्माण करती है, पर्वतों को खड़ा करती है और भूकंप तथा ज्वालामुखियों जैसी विनाशकारी घटनाओं का कारण बनती है। वास्तव में, प्लेट टेक्टोनिक्स वह अदृश्य शक्ति है जो हमारी पृथ्वी को निरंतर बदल रही है। इसे समझना पृथ्वी के अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने जैसा है।


प्लेट टेक्टोनिक्स की संरचना प्लेट टेक्टोनिक्स की परिभाषा


पृथ्वी की ऊपरी सतह एक कठोर खोल नहीं है, बल्कि यह कई टुकड़ों से बनी है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेट्स पृथ्वी की स्थलमंडल परत का हिस्सा हैं, जिसमें ठोस क्रस्ट और ऊपरी मेंटल का कुछ भाग शामिल होता है। ये प्लेट्स एक लचीली परत, जिसे एस्थेनोस्फीयर कहा जाता है, के ऊपर स्थित होती हैं और धीरे-धीरे खिसकती हैं। यही लचीलापन प्लेट्स को गति करने की क्षमता देता है। ये प्लेट्स कभी एक-दूसरे से दूर जाती हैं, कभी एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं और कभी एक प्लेट दूसरी के नीचे धंस जाती है, जिसे सबडक्शन कहते हैं। यही गतियाँ पृथ्वी की सतह पर भूकंप, ज्वालामुखी, पर्वत निर्माण और महाद्वीपों की स्थिति में बदलाव जैसी घटनाओं का कारण बनती हैं।
प्लेट्स की संख्या और प्रकार प्लेट्स की जानकारी

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वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी की सतह पर 7 मुख्य टेक्टोनिक प्लेट्स और कई छोटी प्लेट्स हैं। मुख्य प्लेट्स में शामिल हैं:

• यूरेशियन प्लेट

• इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट

• नॉर्थ अमेरिकन प्लेट

• साउथ अमेरिकन प्लेट

• अफ्रीकन प्लेट

• पैसिफिक प्लेट

• एंटार्कटिक प्लेट

इन प्लेटों की सीमाएं भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिए अत्यंत संवेदनशील होती हैं।


प्लेट्स की गति प्लेट्स की गति के कारण

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टेक्टोनिक प्लेट्स की गति का मुख्य कारण पृथ्वी के मेंटल में उठने वाले कन्वेक्शन करंट्स हैं। ये करंट्स गर्म पदार्थ को ऊपर और ठंडे पदार्थ को नीचे की ओर ले जाते हैं, जिससे प्लेट्स पर दबाव बनता है और वे धीरे-धीरे खिसकती हैं। इसके अलावा, प्लेट्स की गति को अन्य प्रक्रियाएँ भी प्रभावित करती हैं, जैसे रिज पुश, स्लैब पुल और ट्रेंच सक्शन। इन सभी ताकतों के समन्वय से पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स निरंतर गति करती रहती हैं।
प्लेट टेक्टोनिक्स के प्रकार प्लेट बॉर्डर के प्रकार

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प्लेट टेक्टोनिक्स के अंतर्गत पृथ्वी की सतह पर स्थित प्लेट्स विभिन्न दिशाओं में गति करती हैं और उनके संपर्क बिंदु को प्लेट बॉर्डर कहा जाता है। इन बॉर्डरों पर विभिन्न भूगर्भीय घटनाएँ होती हैं। मुख्य रूप से तीन प्रकार के टेक्टोनिक बॉर्डर होते हैं:

डायवर्जेंट बॉर्डर - जब दो टेक्टोनिक प्लेट्स एक-दूसरे से दूर होती हैं, तो उस स्थान को डायवर्जेंट बॉर्डर कहा जाता है। यहाँ नई सतह का निर्माण होता है, विशेष रूप से महासागरों में।

कन्वर्जेंट बॉर्डर - जब दो प्लेट्स आपस में टकराती हैं और एक प्लेट दूसरी के नीचे धंसती है, तब कन्वर्जेंट बॉर्डर बनता है। इस प्रक्रिया से पर्वतों का निर्माण भी होता है।

ट्रांसफॉर्म बॉर्डर - जब दो प्लेट्स समानांतर दिशा में खिसकती हैं, तो उस स्थान को ट्रांसफॉर्म बॉर्डर कहा जाता है। ये सीमाएँ भूकंपों के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं।


प्लेट टेक्टोनिक्स का इतिहास टेक्टोनिक प्लेट्स का विकास

टेक्टोनिक प्लेट सिद्धांत की नींव महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत पर आधारित है, जिसे जर्मन वैज्ञानिक अल्फ्रेड वेगनर ने 1912 में प्रस्तुत किया था। वेगनर का मानना था कि महाद्वीप कभी एक साथ जुड़े थे, लेकिन समय के साथ अलग हो गए। हालांकि, उनके विचार को उस समय के वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। लेकिन 1960 के दशक में प्लेट टेक्टोनिक्स सिद्धांत के विकास के साथ, उनके विचारों को वैज्ञानिक मान्यता मिली।


भूगर्भीय घटनाएँ और प्लेट टेक्टोनिक्स भूकंप और ज्वालामुखी

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प्लेट्स की गति न केवल पृथ्वी की सतह को बदलती है, बल्कि इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण भूगर्भीय घटनाएँ भी होती हैं। जब प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो तनाव जमा होता है, जो भूकंप का कारण बनता है। इसी प्रकार, ज्वालामुखी भी प्लेट गतियों से जुड़े होते हैं। कन्वर्जेंट सीमाओं पर एक प्लेट दूसरी के नीचे धंसती है, जिससे लावा ऊपर आता है।
हिमालय का उदाहरण हिमालय पर्वतमाला

हिमालय पर्वतमाला का निर्माण भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव का परिणाम है। यह टक्कर आज भी जारी है, जिससे हिमालय हर साल धीरे-धीरे ऊपर उठता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी ऊँचाई हर वर्ष लगभग 1 सेंटीमीटर बढ़ती है। लेकिन यह वृद्धि भूकंप के खतरे को भी बढ़ाती है।


भविष्य की संभावनाएँ महाद्वीपों का भविष्य

हालाँकि पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स धीमी गति से खिसकती हैं, लेकिन यह प्रक्रिया समय के साथ महाद्वीपों की स्थिति को पूरी तरह बदल सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में सभी महाद्वीप एकजुट होकर 'पैंजिया प्रोएक्सिमा' नामक नया सुपरकॉन्टिनेंट बना सकते हैं।


प्लेट टेक्टोनिक्स का महत्व महत्वपूर्ण सिद्धांत

प्लेट टेक्टोनिक्स सिद्धांत न केवल पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को समझाता है, बल्कि यह प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान में भी सहायक है। इसके माध्यम से हम भूकंप और ज्वालामुखी की संभावनाओं का आकलन कर सकते हैं।


जीवन की उत्पत्ति में भूमिका जीवन की उत्पत्ति

प्लेट टेक्टोनिक्स जीवन की उत्पत्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हाइड्रोथर्मल वेंट थ्योरी के अनुसार, समुद्र की गहराई में मौजूद हाइड्रोथर्मल वेंट्स और ज्वालामुखी गतिविधियाँ जीवन के आरंभ का आधार बन सकती हैं।


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